Basti News: बसपा ने पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह, उनके भाई डिम्पल सिंह को पार्टी से किया निष्कासित
बस्ती: बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने दो नेताओं राजकिशोर सिंह (Rajkishore Singh) और बृजकिशोर सिंह (Brijkishore Singh) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. दरअसल इन दोनों नेताओं को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के करीबी होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) के जिलाध्यक्ष जय हिंद गौतम ने नौ अप्रैल को पूर्व मंत्री व बसपा नेता राजकिशोर सिंह और उनके छोटे भाई बृजकिशोर सिंह (डिंपल) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। लोगों में चर्चा है कि नौ अप्रैल को अयोध्या आए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ सिंदे से मिलने की वजह से कार्यवाही हुई है।
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उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की तारीखों का एलान होते ही बसपा ने बड़ी कार्रवाई की है। मायवती ने अपने दो कद्दावर नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के जिलाध्यक्ष जय हिंद गौतम ने नौ अप्रैल को पूर्व मंत्री व बसपा नेता राजकिशोर सिंह और उनके छोटे भाई बृजकिशोर सिंह (डिंपल) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। लोगों में चर्चा है कि नौ अप्रैल को अयोध्या आए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ सिंदे से मिलने की वजह से कार्यवाही हुई है।
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लम्बे समय तक सपा सरकार में काबीना मंत्री रहे राजकिशोर सिंह सपा से निकलने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे। फिर वर्ष 2020 में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे।यूपी के पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह डिम्पल को बहुजन समाज पार्टी से निकाल दिया गया है। राजकिशोर सिंह ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत बसपा से की थी।साल 2003 में सपा में शामिल हो गए। वर्ष 2007 तक वह सपा सरकार में मंत्री रहे। इसके बाद वर्ष 2012 में वह लगातार तीसरी बार वह सपा से विधायक और मंत्री बने।
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जिलाध्यक्ष की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राजकिशोर सिंह व बृजकिशोर सिंह को पार्टी में अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की दी गई रिपोर्ट की विभिन्न सूत्रों से छानबीन करने के बाद दोनों को पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
बता दें कि राजकिशोर सिंह बस्ती मंडल के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। इससे पहले वे कई बार मंत्री चुके हैं। 2003 में सपा में शामिल हुए थे। 2007 तक वे सपा सरकार में मंत्री रहे। इसके बाद 2012 में वे लगातार तीसरी बार विधान सभा चुनाव जीते और मंत्री बने। 2016 में आरोपों मे घिरने के कारण अखिलेश यादव ने उन्हे कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बसपा का दामन थामा था। उनके साथ उनके भाई बृजकिशोर सिंह व पुत्र देवेंद्र प्रताप शानू ने भी बसपा ज्वाइन किया था। पशुधन प्रसार अधिकारी घेटाले में उनका नाम आया था।
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