Brijbhushan Sharan Singh:FIR के बाद WFI प्रमुख पद से इस्तीफे पर पहली बार बोले बृजभूषण शरण सिंह, जानिए क्या कहा?

 


Brijbhushan Sharan Singh:FIR के बाद WFI प्रमुख पद से इस्तीफे पर पहली बार बोले बृजभूषण शरण सिंह, जानिए क्या कहा?

महिला पहलवानों के गंभीर आरोपों के बाद भारतीय कुश्‍ती संघ के अध्‍यक्ष बृजभूषण शरण सिंह मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उनके ऊपर दिल्‍ली पुलिस ने यौन उत्‍पीड़न से जुड़े दो एफआईआर दर्ज कर लिए हैं। इसके बाद शनिवार को बृजभूषण शरण सिंह ने उत्‍तर प्रदेश के गोंडा में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस किया। उन्‍होंने कहा- 'पहलवानों की सभी मांग मान ली गई है, फिर भी वे धरने पर बैठे हैं। कुश्‍ती संघ के अध्‍यक्ष का चुनाव होने वाला है। नया अध्‍यक्ष चुने जाने के बाद मेरा कार्यकाल अपने आप खत्‍म हो जाएगा। कई महीनों से मुझे गाली पर गाली दी जा रही है। इन लोगों की डिमांड लगातार बदलती जा रही है। पहलवानों ने जनवरी में मुझसे इस्‍तीफा देने की मांग की थी। मेरे लिए इस्‍तीफा देना बड़ी चीज नहीं पर अपराधी बनकर इस्‍तीफा नहीं दूंगा। मैं अपराधी नहीं हूं। इस्‍तीफा देने का मतलब है कि मैंने इनके आरोपों को स्‍वीकार कर लिया है। मैं शुरू से कह रहा हूं कि इसमें उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है। इन्हें मुझ से कष्ट है।'


आपको बता दें कि शनिवाार सुबह कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्‍ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों से मिलने पहुंची थीं। इस पर बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि आज दिखाई पड़ गया कि इस पूरे विवाद के पीछे किसका हाथ है। अब जब मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई तो पहलवान क्यों धरने पर बैठे हैं। क्यों मोदी जी के खिलाफ और खेल मंत्रालय के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं। प्रियंका गांधी को तथ्य नहीं मालूम कि दीपेंद्र हुड्डा ने कहां लगाकर फंसा दिया। केजरीवाल और सत्यपाल मलिक क्यों पूछ रहे हैं। इन लोगों को पूरा मामला पता नहीं जंतर-मंतर पहुंच गए। जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था. ये खिलाड़ियों का धरना नहीं है। ये षड्यंत्रकारियों का धरना है। हम बहाना हैं, निशाना हमारे ऊपर है।


प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बृजभूषण सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों के कहने पर ऐसे व्यक्ति को कमिटी में शामिल किया गया, जिसे नहीं शामिल करना चाहिए था। आईओ के सामने पेश हुए पहलवानों में वो बच्चा नहीं है। ये कहते हैं कि कुश्ती को बचाना है, इसलिए धरने पर बैठे हैंइ। उन्होंने कई बड़े कार्यक्रम रद्द करवाए। ओवरसाइट कमिटी बनी थी। 3 हफ्ते का समय मिला। 3 महीने का समय दिया। फेडरेशन को भंग नहीं किया गया था। अब ओवरसाइट कमिटी नहीं है। एशिया चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियन नहीं हो रहा है। टीम नहीं बन पा रही है। हरियाणा की कई बच्ची मेरे पास आईं कि मुझे फोटो लेना है। हमने मना किया आज फोटो खिंचवाओगी और कल आरोप लगा दोगी। ये खेल को नहीं बचा रहे हैं। चार महीने में खेल का बड़ा नुकसान किया है। एक समय था टीम कहीं की हो, खिलाड़ी हरियाणा के होते थे। उस पर प्रतिबंध लगाया। खिलाड़ी अपने ही राज्य से खेले। हरियाणा में 10-12वें नंबर का बच्चा कई राज्यों में नंबर 1 पर है।


बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि धरने पर बैठे पहलवानों की डिमांड रोजाना बदल रही है। इन्हीं कहने पर जांच कमिटी बनी। इनके कहने पर जिसे शामिल नहीं करना चाहिए था, उसे भी शामिल किया। मैंने आपत्ति नहीं की। जांच कमिटी की रिपोर्ट रोजाना इन्हें पहुंच रही थी। जांच रिपोर्ट की कमिटी के सार्वजनिक होने का इंतजार नहीं किया। अब सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां नया मामला लगाया। इन्होंने जिन बच्चों को पहले पेश किया, उसे जांच कमिटी के सामने क्यों नहीं आए। एक ऑडियो दिया है, जिसमें धरने में बैठा एक खिलाड़ी कह रहा है कि किसी भी लड़की का इंतजाम कर दो। सारा काम जांच एजेंसी का है। लगातार सरकार के फैसले का सम्मान किया। ये लोग रोज-रोज नई डिमांड लेकर आ रहे हैं। जांच एजेंसी की रिपोर्ट का सार्वजनिक करने का इंतजार करना था। पहले एफआईआर की डिमांड थी। अब एफआईआर हो गई तो अब जेल में डालने को बोल रहे हैं। मैं लोकसभा में हूं। ये विनेश फोगाट की कृपा से नहीं मिला है। क्षेत्र की जनता से बनाया है।


एफआईआर (FIR) दर्ज होने के बाद पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) की पहली प्रतिक्रिया आई है. 


पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, "एफआईआर कोई चीज नहीं होती है, ये तो कोई भी दिखा सकता है. लेकिन एफआईआर नहीं लिखी जा रही थी, इससे समझा जा सकता है कि कौन लोग हैं जिससे पहलवानों की लड़ाई है. जबतक उस आदमी को पद से नहीं हटाते हैं जो इनका नुकसान कर सकता है. पद से नहीं हटाया जाता और गिरफ्तारी नहीं होती है तब तक इनको कुछ भी कनसिडर नहीं करना चाहिए. हम सब इनके साथ हैं और देश इनके साथ है."

विनेश ने कहा-2021 में ही PM को सब बताया था:मिला था आश्वासन; FIR में विनोद तोमर का नाम भी
विनेश ने कहा कि सालों से चली आ रही प्रताड़ना के बारे में साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया गया था। उन्होंने सब जल्द ठीक होने का आश्वासन देते हुए खेल मंत्री से मिलने को कहा था। हम खेल मंत्री से मिले तो 24 घंटे के अंदर सारी बातें बृजभूषण शरण सिंह तक पहुंच गईं। इसके बाद हमें जान से मारने की धमकियां मिली। इतना टॉर्चर किया गया कि हम खुदकुशी कर लें।

वहीं इस मामले में IOA की जांच कमेटी व खेल मंत्रालय की ओवरसाइट कमेटी मेंबर ओलिंपियन योगेश्चर दत्त ने कहा- पहलवानों को 3 महीने पहले ही पुलिस को शिकायत दे देनी चाहिए थी। पुलिस भी तभी कार्रवाई करेगी, जब उनके पास कोई शिकायत होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज FIR में उनके करीबी सहयोगी और संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी नाम है। हालांकि विनोद ने केस दर्ज होने की नहीं होने की जानकारी के बारे में कहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उनसे अभी तक कोई संपर्क नहीं साधा है।

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