Prayagraj: तीनों हमलावर ने कैसे रची माफिया अतीक अहमद मर्डर की साजिश? तुर्की निर्माण जिगाना सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल जिसकी कीमत करीब 6 लाख है कातिलों को कैसे मिली...

Prayagraj: तीनों हमलावर ने कैसे रची माफिया अतीक अहमद मर्डर की साजिश? तुर्की निर्माण जिगाना 
सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल जिसकी कीमत करीब 6 लाख है कातिलों को कैसे मिली... 

प्रयागराज. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या में शामिल लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) को हथियार किस सोर्स के जरिये मिले थे, यह पुलिस ने पता कर लिया है. यूपी पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि घटना में इस्तेमाल जीगाना मेड पिस्टल और .32 बोर पिस्टल कहां से आई, पुलिस ने इसकी जानकारी हासिल कर ली है. हालांकि, उसके बारे में अभी खुलासा नहीं किया जा रहा है. अब तक की तफ्तीश के मुताबिक किसी भी माफिया या गैंगस्टर या बाहुबली के इशारे पर ये शूटआउट नहीं करवाया गया है, बल्कि तीनों हमलावरों ने खुद ही इस घटना को अंजाम दिया है.प्राप्त जानकारी के मुताबिक अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी मंजूर होने के बाद से ही तीनों रेकी कर रहे थे.

पुलिस ने अतीक और अशरफ की हत्या के बाद जब छानबीन शुरू की है तो इन तीनों के कुछ फुटेज भी मिले हैं. पुलिस ने इन तीनों के पास से एक ऑटोमेटिक और दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद किया है.


जिगाना एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल है, जिसे तुर्की की बंदूक कंपनी टीआईएसएएस बनाती है. इस पिस्टल की मैन्युफैक्चरिंग साल 2001 में शुरू हुई थी और यह मूल डिजाइन वाली तुर्की की पहली पिस्टल्स में से एक है. जिगाना पिस्टल में रिवाइज्ड ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक-स्लाइड शॉर्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग सिस्टम है.एक पिस्टल में बर्स्ट फायर की भी सुविधा थी. जिसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपये बताई जाती है. ऊपर से भारत में इस हथियार का इस्तेमाल करने पर पाबंदी है. यानी ये पिस्टल बैन है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नए उम्र के इन लड़कों के पास ऐसे खतरनाक और महंगे हथियार कहां से और कैसे आए? अभी इस सवाल का जवाब भी सामने आना बाकी है


पुलिस ने तीनों हमलावरों के मौका-ए-वारदात तक आने का पूरा रूट पता कर लिया है. वे कैसे जिले में दाखिल हुए और कब-कहां से चले थे. पुलिस ने सारी जानकारी हासिल कर ली है. ये भी पता चला है कि तीनों हमलावर एक-दूसरे को पहले से जानते हैं और बाकायदा प्लानिंग कर एक साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे. सूत्रों के मुताबिक, सनी और लवलेश की मुलाकात बांदा जेल में हुई थी, बाद में दोनों में दोस्ती हो गई, जबकि सनी और अरुण पहले से दोस्त थे और सनी ने ही लवलेश की अरुण से दोस्ती कराई थी.


गौरतलब है कि अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सकीय जांच के लिए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी. इस दोहरे हत्याकांड का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों भाई जमीन पर गिर जाते हैं. गोलियों से छलनी दोनों के शवों को घटनास्थल से ले जाया गया. इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद से इलाके में तनाव है.


उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिये हैं. वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. गोलीबारी की घटना रात करीब 10 बजे की है जो कैमरे में दर्ज हो गई क्योंकि मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा दोनों को अस्पताल ले जाते समय मीडियाकर्मी उनके साथ चल रहे थे. वीडियो फुटेज में तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिर जाते हैं।

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