लड़की के जिंदा घर आने के बाद अब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े होने लगे हैं। क्योंकि पुलिस ने एक कंकाल को पीड़िता का बताया था। अब पुलिस के कहे मुताबिक अगर वह कंकाल पीड़िता का था तो अब लड़की अपने घर कैसे जिंदा वापस लौटी है। अब सवाल उठ रहा है कि वो कंकाल किसका था?
मध्य प्रदेश के भोपाल में एक अजीबों गरीब लेकिन चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जो किसी को भी चौंका देंगा। दरअसल भोपाल में अपनी बेटी की मौत की सजा एक पिता और भाई काट रहे हैं। इस बीच जिस लड़की की हत्या में पिता और भाई सजा काट रहे हैं वो लड़की अब अपने घर वापस लौट आई है। लड़की के जिंदा घर आने के बाद अब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े होने लगे हैं। क्योंकि पुलिस ने एक कंकाल को पीड़िता का बताया था। अब पुलिस के कहे मुताबिक अगर वह कंकाल पीड़िता का था तो अब लड़की अपने घर कैसे जिंदा वापस लौटी है। अबतक लड़की की हत्या के आरोप में जेल में सजा काट रहे पिता और भाई की इस हालत का जिम्मेदार कौन होगा।
क्या है मामला
दरअसल पूरा मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सिंगोड़ी का है। यहां पुलिस ने एक लड़की को मरा हुआ बताया और एक कंकाल के जरिए उसकी पहचान की गई। लेकिन अब पीड़िता कंचन अपने घर लौट आई है साथ ही यह भी पता चला है कि उसकी शादी हो चुकी है। सिंगोड़ी चौकी क्षेत्र के जोपनाला गांव निवासी शन्नू उइके (चरवाहा) की 15 वर्षीय बेटी साल 2014 में अचानक घर से गायब हो गई थी.
13 जून 2014 को अपने घर से लापत हुई कंचन की तलाश परिजनों ने शुरू की। इसके बाद पुलिस में कंचन के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखाई गई। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। दो साल पहले ही पुलिस ने कंचन के घर के पास से ही एक कंकाल को ढूंढ निकाला और उसे कंचन का कंकाल बताया। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में साबित किया कि कंचन के पिता और भाई ने उसकी हत्या की और शव को पास ही के खेत में दफना दिया।
कोर्ट में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा था कि 13 जून 2014 को नाबालिग ने भाई सोनू ने लाठी मारकर नाबालिग की हत्या कर दी थी और फिर पिता के साथ मिलकर उसके दफना दिया था. खुदाई के दौरान कंकाल बरामद हुआ है और कंगन मिले हैं. सुनवाई के दौरान पिता-पुत्र ने भी नाबालिग की हत्या की बात कबूल कर ली थी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया था.
More Read;UP: एकतरफा प्रेम में सिरफिरे युवक ने युवती को घर में घुसकर मारी गोली, फिर खुद पी लिया जहर
जिंदा घर लौटी कंचन
लेकिन इसपर कंचन के परिजनों का कहना था कि जो कंकाल पुलिस ने बरामद किया है वह उनके किसी परिजन का है। कोर्ट में कंचन की हत्या की बात साबित करने के बाद कंचन के पिता और उसके भाई को जेल की सजा सुनाई गई। कंचन का भाई 1 महीने पहले ही जमानत पर जेल से रिहा हुआ है। वहीं कंचन का पिता अब भी जेल में है। कंचन अब अपने घर कौ लौट आई है और शादी भी कर चुकी है। वो मालवा जिले में रहती है।
More Read; UP: आठ दिन पहले लापता हुई थी युवती, गेहूं के खेत में मिला कंकाल, मचा हड़कंप
थाने पहुंची और कहा - 'मैं जिंदा हूं'
युवती परिवार और गांववालों के साथ सिंगोड़ी पुलिस चौकी पहुंची. वर्तमान चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुशराम को युवती ने बताया कि वह जब 15 साल की थी तब अपनी मर्जी से घर छोड़कर चली गई थी. वह बालिग है और उसकी शादी हो चुकी है. वर्तमान में उज्जैन में रहती है.
युवती ने आगे कहा कि पुलिस ने उसकी हत्या के झूठे आरोप में पिता और भाई को फंसाया है. भाई तीन साल से जेल में हत्या के झूठे मामले में सजा काट रहा है. आरोप लगाते हुए युवती ने कहा कि पता नहीं किस कंकाल को मेरा बताते हुए पिता और भाई को हत्या का दोषी घोषित कर दिया था. वह जिंदा है. परिवार के लोग और गांववालों ने उसे पहचान लिया है. पुलिस वालों ने दबाव बनाकर पिता-भाई से हत्या की बात कबूल करवाई है.
पिता ने कहा- 'दारोगा ने मांगे थे दो लाख रुपये'
वहीं, युवती के पिता शन्नू उइके ने बताया तत्कालीन दारोगा ने बेटी के गुम होने के बाद हमें उसकी हत्या का दोषी बताया था. दारोगा ने केस समाप्त करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की थी. हमने 121 हेल्पलाइन पर फोन भी किया था. मगर, मदद नहीं मिली फिर मुझे और मेरे बेटे को जेल भेज दिया गया. मैं जमानत पर बाहर आ गया हूं, लेकिन बेटा जेल में है.
वर्तमान चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुशराम का कहना है मामला साल 2014 का है. नाबालिग घर से गायब हुई थी. बाद में पिता और भाई को उसकी हत्या का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया गया था. अब वही युवती जिंदा वापस लौटी है. प्रभारी धर्मेंद्र कुशराम का कहना है कि मामला गंभीर है. जांच कराई जा रही है. वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस संबंध में जानकारी दी दे गई है.
More Read;
UP: आशिक के साथ रंगरेलिया मना रही थी पत्नी, पति ने किया विरोध तो उतारा मौत के घाट
UP: सिद्धार्थनगर में चुनावी मैदान में उतरने के लिए शिक्षक ने छोड़ दी नौकरी; दिया त्यागपत्र
NCERT Mughals: इतिहास की किताब से क्यों हटाया मुगल दरबार चैप्टर? जानें इसके पीछे की वजह